भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय समिति एक प्रणाली है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों विशेष कर भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और अन्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सम्मान, गुणवत्तापूर्ण और निरंतर शिक्षा प्रदान करना है। चाहे वह देश के किसी भी राज्य या स्थान पर तैनात तो। केंद्रीय विद्यालय का संचालन केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा किया जाता है जो भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्थान है वर्तमान में भारत में कुल 1250 से अधिक केंद्रीय विद्यालय कार्यरत है जो भारत के लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं।
केंद्रीय विद्यालय की स्थापना 15 दिसंबर 1963 को की गई थी और इसका प्रारंभिक नाम सेंट्रल स्कूल था बाद में इसका नाम बदलकर केंद्रीय विद्यालय किया गया। कुछ विद्यालय विदेश में भी इस कार्यरत है जहां भारतीय दूतावास निवास करते हैं, सरकार द्वारा इन केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है नियुक्ति के लिए समय-समय पर अनेक प्रकार की वैकेंसी निकल रहे हैं इसलिए आप भी यदि केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक बनना चाहते हैं तो यह एक सुनहरा अवसर है। आइये हम केंद्रीय विद्यालय से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस पोस्ट के माध्यम से उपलब्ध करवाते हैं, जिसमें आपको केंद्रीय विद्यालय में शिक्षकों के प्रकार के बारे में संपूर्ण जानकारी विस्तृत से बताई जाएगी।
Kendriya Vidyalaya Teacher कौन होता है ?
केंद्रीय विद्यालय शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो भारत सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय संगठन के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में बच्चों को शिक्षित करता है। यह शिक्षक भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करते हैं और देश भर में पहले केंद्रीय विद्यालयों में नियुक्त होते हैं। इन विद्यालयों में शिक्षकों को कई भागों में बांटा गया है जिसमें प्राथमिक शिक्षक/ प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक / स्नात्तकोत्तर शिक्षक और विशेष शिक्षक। इन शिक्षकों की नियुक्ति राष्ट्रीय परीक्षा के माध्यम से की जाती है और यह एक केंद्र सरकार की स्थाई और उच्च स्तर की सुरक्षा की नौकरी है। इस वैकेंसी में कैंडिडेट्स को अच्छा वेतन और प्रमोशन के अवसर अच्छे मिलते हैं। केंद्रीय विद्यालय शिक्षक के सभी प्रकारों का विस्तृत विवरण पोस्ट में नीचे बताया जा रहा है।
प्राथमिक शिक्षक
शिक्षक के इस प्रकार को प्राइमरी टीचर भी कहा जाता है जो कक्षा एक से लेकर पांचवी तक के बच्चों को अध्ययन का कार्य करते हैं इनका कार्य मुख्य रूप से छोटे बच्चों को सभी विषयों की आधारभूत शिक्षा देना, पढ़ना, लिखना और गिनती पर्यावरण और नैतिक शिक्षा के बारे में सीखने की सोच और सामाजिक विकास पर ध्यान देना है। इन पदों पर आवेदन करने के लिए कैंडिडेट के पास आयु सीमा से संबंधित योग्यता यानी की अधिकतम उम्र सीमा 30 वर्ष तक होनी चाहिए। तथा शैक्षणिक योग्यता के रूप में कक्षा 12वीं में न्यूनतम 50% अंक एवं D.El.Ed / JBT / B.El.Ed या B.Ed डिग्री होनी आवश्यक है इसके अलावा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर एक पास होना अनिवार्य है। आरक्षित वर्गों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट का प्रावधान रखा गया है।
प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक
केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक के इन पदों को टीजीटी शिक्षक भी कहा जाता है जो कक्षा 6 से लेकर दसवीं तक के बच्चों को शिक्षा प्रदान देने का कार्य करते हैं इन शिक्षकों का अपने अध्ययन से संबंधित एक विशेष सब्जेक्ट होता है जैसे हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत कला या कला शिक्षा। इनका मुख्य कार्य संबंधित विषय में गहराई से पढ़ाई करवाना और बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारी करवाना तथा विद्यार्थियों में सोचने समझने की क्षमता को विकसित करना है। टीजीटी शिक्षक पदों पर नियुक्ति पाने के लिए कैंडिडेट के पास शैक्षणिक योग्यता के रूप में ग्रेजुएट एवं बीएड डिग्री होनी आवश्यक है इसके अलावा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर दो पास होना अनिवार्य है। तथा इन पदों पर आवेदन करने वाले कैंडिडेट की अधिकतम उम्र सीमा 35 वर्ष तक निर्धारित है। आरक्षित वर्गों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट दी जाएगी।
स्नात्तकोत्तर शिक्षक
यह शिक्षक विद्यालय की शीर्ष कक्षाओं में अध्ययन का कार्य करते हैं इनका मुख्य विषय किसी एक सब्जेक्ट को लेकर होता है जैसे गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, हिंदी या अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, भूगोल, वाणिज्य, इतिहास या कंप्यूटर विज्ञान। इन शिक्षकों को पीजीटी शिक्षक से कहा जाता है जिनका मुख्य कार्य वरिष्ठ कक्षाओं को बोर्ड स्तर की शिक्षा देना, विषय विशेषज्ञता के साथ गहराई से अध्ययन करवाना और विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार करना है। इन शिक्षक पदों पर कैंडीडेट्स की नियुक्ति हेतु केंद्रीय विद्यालय द्वारा शैक्षणिक योग्यता के रूप में पोस्ट ग्रेजुएट एवं बीएड डिग्री निर्धारित की है इसके अलावा इन पदों के लिए केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य नहीं है। इन पदों के लिए आवेदन करने हेतु कैंडिडेट की अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष तक होनी चाहिए। आरक्षित वर्गों को संबंधित शिक्षा विभाग द्वारा अधिकतम उम्र सीमा में छूट दी जाएगी।
विशेष शिक्षक
केंद्रीय विद्यालय में इस प्रकार के शिक्षकों को स्पेशल टीचर भी कहा जाता है, यह वे शिक्षक होते हैं जो विशेष विषय के लिए जाने जाते हैं जैसे कला शिक्षक, संगीत शिक्षक, फिजिकल एजुकेशन टीचर कंप्यूटर टीचर तथा लाइब्रेरियन। विशेष शिक्षक के कई प्रकार के कार्य होते हैं जैसे बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ाना, विद्यालय कार्यक्रमों की तैयारी करवाना, विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और फिटनेस का ध्यान रखना। प्रोग्रामिंग इंटरनेट एमएस ऑफिस आदि की जानकारी देना तथा छात्रों और शिक्षकों को पुस्तकों की उपलब्धि सुनिश्चित करवाना होता है। इस प्रकार की शिक्षक बनने के लिए कैंडिडेट की अधिकतम उम्र सीमा 35 वर्ष तक होनी चाहिए तथा आरक्षित वर्गों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट दी जाएगी।
चयन प्रक्रिया और वेतन
क्रिया के माध्यम से होता है और इनका वेतनकेंद्रीय विद्यालय शिक्षक की नौकरी एक प्रतिष्ठित केंद्र सरकार की नौकरी है इन पदों पर कैंडीडेट्स का चयन एक निश्चित केंद्र क्रिया के माध्यम से होता है जिसमें सबसे पहले ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है, पद के अनुसार योग्यता और दस्तावेजों की पुष्टि की जाती है उसके बाद लिखित परीक्षा का आयोजन करवाया जाता है लिखित परीक्षा में सफल होने वाले कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। उसके बाद दस्तावेज सत्यापन का कार्य संपन्न किया जाता है अंतिम में फाइनल मेरिट सूची निकालकर कैंडीडेट्स का चयन होता है और फिर उन्हें नियुक्ति दी जाती है।
तथा चयनित होने वाले कैंडिडेट्स को सातवें वेतन आयोग के अनुसार आकर्षक वेतन और अन्य भत्ते भी मिलते हैं, जिसमें शुरुआती वेतन प्राथमिक शिक्षक का ₹35400, टीजीटी शिक्षक को ₹44900, पीजीटी शिक्षक को ₹47600 और वाइस प्रिंसिपल को ₹56000 और प्रिंसिपल को ₹78800 दिया जाता है। इसके साथ महंगाई भत्ता/ मकान किराया भत्ता/ यात्रा भत्ता/ पेंशन भत्ता/ अवकाश यात्रा भत्ता और छुट्टियां और मेडिकल सुविधाएं प्रदान की जाती है।